फर्जी चालान कट जाए तो क्या करें?

आज के डिजिटल युग में तकनीक ने जहां लोगों को सुविधाएं दी हैं, वहीं इसके कुछ नकारात्मक प्रभाव भी सामने आए हैं। ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सरकार ने ई-चालान प्रणाली को लागू किया, जो कैमरा, GPS, ANPR सिस्टम और अन्य डिजिटल माध्यमों से ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर चालान जारी करता है। लेकिन कभी-कभी तकनीकी खामी, मानव त्रुटि या धोखाधड़ी के चलते कुछ लोगों पर फर्जी ई-चालान कट जाते हैं। यह स्थिति बेहद परेशान करने वाली होती है, खासकर तब जब आपने कोई नियम तोड़ा ही नहीं हो।

तो यदि आपके साथ ऐसा हुआ है, कि आपने नियम का पालन किया फिर भी आपके नाम पर चालान आ गया, या आपकी गाड़ी से संबंधित कोई चालान सामने आया जो आपने किया ही नहीं—तो चिंता न करें। यह लेख आपको बताएगा कि ऐसे फर्जी चालानों से कैसे निपटा जाए, किससे संपर्क किया जाए, क्या कानूनी कदम उठाए जा सकते हैं और अपने अधिकारों की रक्षा कैसे की जा सकती है।

1. फर्जी चालान क्या होता है?

फर्जी चालान (False e-Challan) उस स्थिति को कहते हैं जब आपके नाम पर या आपकी गाड़ी के रजिस्ट्रेशन नंबर पर चालान कटता है लेकिन वास्तव में आपने वह उल्लंघन नहीं किया होता। यह निम्न कारणों से हो सकता है:

  • गाड़ी का नंबर मिलता-जुलता हो (जैसे MH12AB1234 और MH12AB1243)
  • गाड़ी की नंबर प्लेट की क्लोनिंग (किसी अन्य वाहन द्वारा आपकी नंबर प्लेट का उपयोग करना)
  • कैमरे या सिस्टम की गलती
  • ट्रैफिक पुलिस द्वारा गलत इंट्री
  • ट्रैफिक पोर्टल पर तकनीकी गड़बड़ी

इस तरह के चालान न केवल मानसिक तनाव देते हैं, बल्कि इससे आपके वाहन पर कानूनी कार्रवाई, बीमा संबंधित समस्या, वाहन बेचने या ट्रांसफर में अड़चन भी आ सकती है।

2. फर्जी चालान की पहचान कैसे करें?

(i) ईमेल/एसएमएस नोटिफिकेशन

यदि आपके पास ई-चालान का कोई SMS या ईमेल आता है, जिसमें उल्लंघन की जानकारी है, तो सबसे पहले दिए गए चालान लिंक पर जाकर उसका विवरण देखें।

(ii) ई-चालान वेबसाइट पर जांच

https://echallan.parivahan.gov.in/ या संबंधित राज्य के ट्रैफिक पोर्टल पर जाएं और अपने वाहन नंबर या चालान नंबर से चालान की जानकारी जांचें। वहाँ आपको चालान का:

  • उल्लंघन का प्रकार (जैसे नो पार्किंग, रेड लाइट क्रॉसिंग)
  • तारीख और समय
  • स्थान
  • फोटो / वीडियो सबूत

दिखाई देगा।

(iii) विवरण से तुलना करें

चालान में दिए गए स्थान, दिनांक और गाड़ी की फोटो को अपने रिकॉर्ड से तुलना करें:

  • उस दिन आप कहाँ थे?
  • गाड़ी आपके पास थी?
  • फोटो में गाड़ी आपकी ही है या नंबर मिलती-जुलती है?

अगर यह जानकारी मेल नहीं खाती, तो समझ लें कि चालान फर्जी है।

3. फर्जी चालान कटने पर क्या करें? चरणबद्ध समाधान

Step 1: घबराएं नहीं, चालान को ध्यान से जांचें

कई बार लोग बिना जांच किए चालान भर देते हैं। लेकिन अगर संदेह है कि यह चालान फर्जी है तो सबसे पहले इसकी पूरी जांच करें:

  • क्या स्थान सही है?
  • फोटो में गाड़ी का मॉडल, रंग, स्टिकर आदि आपकी गाड़ी से मेल खाते हैं?
  • क्या आपने उस दिन गाड़ी चलाई थी?

यदि उत्तर ‘नहीं’ है, तो यह फर्जी चालान हो सकता है।

Step 2: सबूत एकत्र करें

अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए सबूत तैयार करें:

  • यदि आपकी गाड़ी उस दिन कहीं और थी, तो पार्किंग रसीद, GPS लोकेशन, CCTV फुटेज का स्क्रीनशॉट, फास्टैग एंट्री/एग्ज़िट डिटेल्स, मोबाइल लोकेशन रिकॉर्ड्स आदि जमा करें।
  • चालान की फोटो का प्रिंट लें।
  • यदि संभव हो तो अपनी गाड़ी की फोटो लें (जिसमें नंबर प्लेट, रंग, लुक आदि दिखे)।

Step 3: ट्रैफिक पुलिस या आरटीओ से संपर्क करें

अपने जिले/राज्य के ट्रैफिक पुलिस कंट्रोल रूम या RTO ऑफिस में जाएं और शिकायत दर्ज कराएं। आप निम्न माध्यमों से संपर्क कर सकते हैं:

  • ईमेल
  • ऑफिशियल हेल्पलाइन नंबर
  • व्हाट्सएप नंबर (कई राज्यों ने यह सुविधा दी है)
  • ट्रैफिक पुलिस पोर्टल पर शिकायत फॉर्म

शिकायत पत्र में ये विवरण दें:

  • चालान नंबर
  • वाहन नंबर
  • आपकी आपत्ति (कि आप उस दिन गाड़ी चला ही नहीं रहे थे)
  • सबूतों की कॉपी

Step 4: RTI (सूचना का अधिकार) दायर करें (यदि जवाब न मिले)

यदि पुलिस विभाग से कोई जवाब न आए, तो आप RTI के तहत उनसे जानकारी मांग सकते हैं:

  • चालान की पुष्टि के लिए कैमरा फुटेज
  • चालान जारी करने वाले पुलिस अधिकारी का नाम
  • उल्लंघन की वास्तविक स्थिति

Step 5: न्यायालय में शिकायत दर्ज कराएं

यदि आपको लगता है कि आपकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, और चालान कोर्ट ट्रांसफर हो गया है, तो आप न्यायालय में लिखित आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।

  • कोर्ट में जाकर मजिस्ट्रेट के सामने अपने पक्ष को सबूतों के साथ रखें।
  • यदि न्यायालय संतुष्ट हुआ तो वह चालान निरस्त कर सकता है।

4. फर्जी चालान से होने वाले नुकसान

  • बिना गलती के जुर्माना देना पड़ सकता है
  • ड्राइविंग लाइसेंस पर अंक घट सकते हैं
  • गाड़ी का बीमा क्लेम प्रभावित हो सकता है
  • गाड़ी बेचने या ट्रांसफर करने में दिक्कत हो सकती है
  • पुलिस रिकॉर्ड में नाम जुड़ सकता है

इसलिए फर्जी चालान को हल्के में न लें और समय पर उचित कार्रवाई करें।

5. फर्जी चालान से कैसे बचें?

(i) अपनी गाड़ी की नंबर प्लेट स्पष्ट रखें

नंबर प्लेट को साफ-सुथरा और सरकारी नियमों के अनुसार रखें ताकि गलत पहचान की संभावना न हो।

(ii) वाहन पर कोई असामान्य स्टिकर, रंग, मार्किंग रखें

ताकि कोई आपकी गाड़ी की हूबहू नकल करके चालान से बच न पाए।

(iii) समय-समय पर ई-चालान पोर्टल पर वाहन नंबर से चालान चेक करते रहें

अचानक कोर्ट नोटिस आने से बेहतर है कि आप समय रहते कार्रवाई करें।

(iv) वाहन चोरी या लीज पर देने से पहले डिटेल डॉक्यूमेंटेशन करें

यदि किसी और को वाहन दे रहे हैं तो एक एग्रीमेंट करें ताकि भविष्य में चालान आने पर जिम्मेदारी तय की जा सके।

6. यदि नंबर प्लेट क्लोनिंग हो तो क्या करें?

यह गंभीर मामला है, जिसमें कोई आपकी गाड़ी की हूबहू नंबर प्लेट बनाकर ट्रैफिक उल्लंघन कर रहा हो।

इस स्थिति में करें:

  • FIR दर्ज कराएं: यह साइबर क्राइम और धोखाधड़ी का मामला बनता है।
  • नजदीकी पुलिस थाने में रिपोर्ट करें और गाड़ी की तस्वीरें दिखाएं।
  • RTO में जानकारी दें: ताकि वाहन रिकॉर्ड में नोट डाला जा सके।
  • कोर्ट में याचिका दें: और वाहन की असलियत सिद्ध करें।

7. ई-चालान पोर्टल पर शिकायत कैसे करें?

Parivahan Portal पर:

  1. https://echallan.parivahan.gov.in/
  2. “Raise a Grievance” सेक्शन पर क्लिक करें।
  3. चालान नंबर और वाहन नंबर डालें।
  4. अपनी समस्या का विवरण दें और दस्तावेज़ अपलोड करें।
  5. Submit करें और Reference ID नोट करें।

राज्य पोर्टल पर:

जैसे महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान आदि का अपना ट्रैफिक पोर्टल है। वहाँ भी grievance या complaint section होता है।

8. महत्वपूर्ण कानूनी अधिकार

  • आपके पास चालान का विरोध करने का पूरा अधिकार है।
  • कोई भी अधिकारी आपको जबरदस्ती जुर्माना भरने के लिए मजबूर नहीं कर सकता।
  • गलत चालान की स्थिति में आप कोर्ट में जा सकते हैं।
  • RTI के तहत जानकारी मांग सकते हैं।
  • आप Compensation भी मांग सकते हैं अगर चालान से आपको नुकसान हुआ है।

फर्जी ई-चालान एक ऐसा मुद्दा है जो किसी के साथ भी हो सकता है। यह सिर्फ एक तकनीकी त्रुटि नहीं, बल्कि एक गंभीर नागरिक अधिकार का प्रश्न भी है। यदि आपने कोई नियम नहीं तोड़ा, फिर भी आपके नाम पर चालान आ गया है, तो आपको डरने की जरूरत नहीं है बल्कि अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए उचित प्रक्रिया अपनाने की आवश्यकता है।

इस लेख में बताए गए चरणों का पालन करें, सबूत जुटाएं, संबंधित विभाग से संपर्क करें और जरूरत पड़ने पर कोर्ट का रुख करें। याद रखें, निष्कलंक नागरिक बनकर ही हम व्यवस्था को सशक्त और जवाबदेह बना सकते हैं।

सावधानी, सतर्कता और सजगता—फर्जी चालान से बचाव का सबसे अच्छा तरीका यही है।

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