कोर्ट से ई-चालान कैसे निपटाएं?”

भारत में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर अब चालान सिर्फ हाथों में थमा कर नहीं दिया जाता, बल्कि डिजिटल युग के साथ पुलिस विभाग ने इसे ई-चालान के रूप में भी लागू कर दिया है। ई-चालान एक इलेक्ट्रॉनिक चालान है जो ट्रैफिक नियम तोड़ने पर आपके वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर जारी किया जाता है। यह चालान आपके मोबाइल नंबर, ईमेल या पोर्टल पर दिखाई देता है और आप ऑनलाइन या कोर्ट के माध्यम से इसका निपटारा कर सकते हैं।

लेकिन अगर किसी कारणवश ई-चालान का भुगतान ऑनलाइन नहीं किया गया है या आप उस चालान को गलत मानते हैं और न्याय की उम्मीद रखते हैं, तो इसका निपटारा कोर्ट के माध्यम से भी किया जा सकता है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि कोर्ट से ई-चालान कैसे निपटाएं, कौन-कौन से दस्तावेज़ लगते हैं, प्रक्रिया क्या है और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

1. ई-चालान क्या होता है?

ई-चालान (Electronic Challan) एक कंप्यूटर आधारित चालान प्रणाली है, जिसे भारत सरकार ने ट्रैफिक व्यवस्था को पारदर्शी, तेज और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के उद्देश्य से शुरू किया है। यह सिस्टम ट्रैफिक कैमरा, रडार गन और स्वचालित नंबर प्लेट रीडर (ANPR) के माध्यम से नियम उल्लंघन करने वालों की जानकारी कैप्चर करता है और उनके नाम पर चालान जारी करता है।

उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति बिना हेलमेट के बाइक चला रहा है, रेड लाइट पार करता है, ओवरस्पीडिंग करता है या गलत पार्किंग करता है, तो CCTV कैमरा उस स्थिति की फोटो खींचता है और संबंधित वाहन की जानकारी के आधार पर चालान बना देता है।

2. कोर्ट से ई-चालान निपटाने की ज़रूरत क्यों पड़ती है?

कई बार निम्नलिखित कारणों से कोर्ट जाकर ई-चालान निपटाना जरूरी हो जाता है:

  • चालान की राशि ज्यादा होती है: कुछ गंभीर उल्लंघनों पर ₹2000, ₹5000 या इससे ज्यादा का जुर्माना होता है, जिसे आम नागरिक तुरंत ऑनलाइन नहीं भर पाते।
  • गलत चालान: अगर आपको लगता है कि चालान गलत जारी किया गया है, या उस दिन आपने वाहन नहीं चलाया था, तो आप कोर्ट में जाकर इसका विरोध दर्ज कर सकते हैं।
  • चालान डेट एक्सपायर हो गई हो: अगर निर्धारित समय तक चालान का भुगतान नहीं किया गया, तो मामला कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया जाता है।
  • वारंट या कोर्ट समन जारी हो गया हो: बहुत समय तक चालान न भरने पर कोर्ट से नोटिस या समन आ सकता है।

3. कोर्ट में ई-चालान कैसे निपटाएं – चरणबद्ध प्रक्रिया

ई-चालान का निपटारा कोर्ट से करवाने के लिए आपको नीचे बताए गए स्टेप्स को फॉलो करना होगा:

Step 1: कोर्ट डेट और जानकारी प्राप्त करें

सबसे पहले आपको यह जांचना होगा कि आपका चालान किस कोर्ट में ट्रांसफर हुआ है। यह जानकारी आपको ई-चालान पोर्टल (https://echallan.parivahan.gov.in/) या संबंधित राज्य के ट्रैफिक पोर्टल पर मिल सकती है।

  • वेबसाइट पर जाकर “चालान नंबर” या “गाड़ी नंबर” डालें।
  • चालान की स्थिति देखें – यदि “Pending at Court” लिखा हो तो इसका मतलब है कि चालान कोर्ट में है।
  • कोर्ट का नाम, तारीख और स्थान नोट करें।

Step 2: आवश्यक दस्तावेज़ तैयार रखें

कोर्ट में पेश होने से पहले निम्न दस्तावेज़ों को एकत्र कर लें:

  • वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC)
  • ड्राइविंग लाइसेंस (DL)
  • ई-चालान की कॉपी
  • पहचान पत्र (Aadhar card/PAN card)
  • यदि कोई फोटो, वीडियो या साक्ष्य हैं जो चालान गलत साबित करते हैं तो वह भी साथ रखें

Step 3: कोर्ट में निर्धारित तारीख पर उपस्थित हों

  • कोर्ट में चालान के मामलों की सुनवाई आमतौर पर ट्रैफिक मजिस्ट्रेट (Metropolitan Magistrate – Traffic Court) द्वारा की जाती है।
  • अदालत में उपस्थित होकर अपनी स्थिति स्पष्ट करें। यदि आपने गलती की है और चालान भरना चाहते हैं तो जज के सामने माफी मांगकर जुर्माना अदा कर सकते हैं।
  • यदि आप चालान को गलत मानते हैं, तो अपनी बात के समर्थन में सबूत पेश करें।

Step 4: कोर्ट का निर्णय सुनें

  • मजिस्ट्रेट चालान की वैधता की जांच करता है और दोनों पक्षों की सुनवाई करता है।
  • यदि कोर्ट को लगे कि चालान सही है, तो आपको जुर्माना भरना पड़ेगा। जुर्माना कोर्ट काउंटर या ऑनलाइन पोर्टल से जमा किया जा सकता है।
  • यदि कोर्ट को लगे कि चालान गलत है, तो वह चालान रद्द भी कर सकता है।

Step 5: भुगतान की रसीद और केस का निपटारा

  • जुर्माना भरने के बाद आपको कोर्ट से भुगतान की रसीद मिलती है।
  • उस रसीद को संभाल कर रखें ताकि भविष्य में कोई कानूनी दिक्कत न हो।
  • इसके बाद चालान का केस पूरी तरह से समाप्त हो जाता है।

4. क्या वकील की आवश्यकता होती है?

साधारण ई-चालान मामलों में आपको वकील की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन अगर:

  • चालान में कोई कानूनी पेच है
  • मामला गंभीर है (जैसे नशे में गाड़ी चलाना, एक्सीडेंट आदि)
  • चालान में गलत वाहन नंबर या फर्जी चालान की बात है

तो ऐसे में एक ट्रैफिक या क्रिमिनल लॉयर की मदद लेना उचित होता है।

5. कोर्ट में न जाने पर क्या होता है?

यदि आप समय पर कोर्ट में पेश नहीं होते हैं तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं:

  • वारंट जारी हो सकता है
  • ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित किया जा सकता है
  • वाहन सीज़ किया जा सकता है
  • भविष्य में वाहन का बीमा या ट्रांसफर करना मुश्किल हो सकता है

इसलिए ई-चालान मिलने के बाद समय रहते निपटाना ही सबसे सही कदम होता है।

6. कुछ महत्वपूर्ण बातें और सुझाव

  • हमेशा चालान की कॉपी अपने पास रखें।
  • ई-चालान पोर्टल नियमित रूप से चेक करते रहें।
  • वाहन नंबर दर्ज करने में सावधानी बरतें।
  • यदि आपको कोर्ट समन मिला है तो उसे अनदेखा न करें।
  • ऑनलाइन चालान भरने में समस्या हो रही हो तो नजदीकी RTO या ट्रैफिक ऑफिस में जाएं।

7. विशेष परिस्थितियों में कोर्ट प्रक्रिया

कुछ विशेष मामलों में कोर्ट प्रक्रिया थोड़ी जटिल हो सकती है:

(i) नाबालिग द्वारा वाहन चलाना:

यदि कोई नाबालिग वाहन चलाते हुए पकड़ा गया है तो गाड़ी मालिक पर भी कार्रवाई होती है। ऐसे मामलों में कोर्ट से सख्त सज़ा और मोटा जुर्माना लग सकता है।

(ii) झूठे चालान:

यदि आपके खिलाफ चालान फर्जी तरीके से बनाया गया है (जैसे कि आपकी गाड़ी किसी और के पास थी), तो कोर्ट में FIR, गवाह और सबूत की जरूरत पड़ती है। यहां वकील की सलाह जरूरी हो सकती है।

(iii) दुर्घटना वाले मामलों में चालान:

ऐसे मामलों में चालान के अलावा केस भी दर्ज हो सकता है, जो पुलिस स्टेशन और कोर्ट दोनों में लंबी प्रक्रिया में शामिल होता है। समझदारी और संवेदनशीलता के साथ पेश आना चाहिए।

8. ऑनलाइन और कोर्ट प्रक्रिया में अंतर

प्रक्रिया ऑनलाइन निपटारा कोर्ट से निपटारा सुविधा घर बैठे कोर्ट में जाना पड़ता है समय जल्दी समय अधिक लगता है लागत सिर्फ जुर्माना कोर्ट फीस + यात्रा खर्च न्यायिक हस्तक्षेप नहीं मजिस्ट्रेट द्वारा निर्णय अपील की संभावना नहीं हां, कोर्ट में सुनवा

ई-चालान का उद्देश्य ट्रैफिक नियमों के प्रति लोगों को सजग और अनुशासित बनाना है। हालांकि कभी-कभी तकनीकी कारणों या गलती से चालान गलत भी जारी हो सकते हैं, ऐसे में व्यक्ति को अपने अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए। कोर्ट से ई-चालान निपटाना थोड़ा समय लेने वाला और प्रक्रियात्मक हो सकता है, लेकिन यह आपको न्याय दिलाने का एक सशक्त माध्यम है।

यदि आप चालान को सही मानते हैं, तो समय रहते भुगतान करें और यदि आपको लगता है कि चालान गलत है तो बिना डर के कोर्ट जाएं। कोर्ट में पेश होकर अपना पक्ष रखें, दस्तावेज़ साथ रखें और संयमित ढंग से प्रक्रिया पूरी करें।

नियमों का पालन करें, सुरक्षित ड्राइविंग करें और ज़िम्मेदार नागरिक बनें – यही ई-चालान से बचने का सबसे अच्छा तरीका ह

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