आज के समय में जब हर आर्थिक लेन-देन, ऋण स्वीकृति और वित्तीय प्रतिष्ठा को मापने के लिए क्रेडिट स्कोर (Credit Score) का उपयोग किया जाता है, तब लोगों के मन में यह स्वाभाविक सवाल उठता है कि क्या ट्रैफिक चालान (Traffic Challan) जैसी बातों का भी इस स्कोर पर प्रभाव पड़ सकता है? कई लोग यह मानते हैं कि चालान कटने पर पुलिस रिकॉर्ड बनता है, और कुछ यह सोचते हैं कि इससे भविष्य में लोन मिलने में दिक्कत हो सकती है। ऐसे में यह जानना बेहद ज़रूरी है कि चालान और क्रेडिट स्कोर के बीच वास्तव में कोई संबंध है या नहीं।
सबसे पहले यह समझना आवश्यक है कि क्रेडिट स्कोर क्या होता है और इसे कैसे निर्धारित किया जाता है। भारत में CIBIL, Equifax, Experian और CRIF High Mark जैसी कंपनियां क्रेडिट स्कोर जारी करती हैं। यह स्कोर आपकी बैंकिंग आदतों, ऋण चुकाने की समयसीमा, क्रेडिट कार्ड उपयोग, EMI चुकौती आदि के आधार पर तय होता है। यह स्कोर आमतौर पर 300 से 900 के बीच होता है, और 750 से ऊपर का स्कोर अच्छा माना जाता है।
अब बात करते हैं चालान की। ट्रैफिक चालान यानी कि सड़क पर किसी नियम का उल्लंघन करने पर जो जुर्माना लगता है, वह मोटर व्हीकल एक्ट के तहत एक कानूनी दंड है। इस चालान का सीधा संबंध सड़क सुरक्षा से है और इसका संचालन राज्य ट्रैफिक विभाग द्वारा किया जाता है। यह एक कानूनी जुर्माना है न कि वित्तीय ऋण। ऐसे में सामान्य रूप से चालान कटने से क्रेडिट स्कोर पर कोई सीधा प्रभाव नहीं पड़ता।
लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि चालान पूरी तरह से क्रेडिट स्कोर से अलग है। चलिए इसे थोड़ा विस्तार से समझते हैं।
मान लीजिए आपने ट्रैफिक नियम तोड़ दिया और आपका ई-चालान कट गया। आप उसे समय पर भर देते हैं – तो इस स्थिति में यह केवल कानून पालन से जुड़ा मामला है, न कि वित्तीय विश्वसनीयता से। यह चालान आपकी क्रेडिट हिस्ट्री का हिस्सा नहीं बनता क्योंकि ट्रैफिक विभाग और क्रेडिट ब्यूरो की कोई सीधी डेटा शेयरिंग नहीं होती।
लेकिन अब मान लीजिए आपने चालान को महीनों तक नहीं भरा, और फिर ट्रैफिक विभाग ने आपके नाम पर जुर्माना, कोर्ट समन या वाहन जब्ती जैसी कानूनी कार्रवाई शुरू की। अगर मामला न्यायालय तक चला जाए और आप पर कोई बड़ा फाइन या दोष तय हो जाए, तो वहां से बात बदल सकती है। ऐसे कानूनी रिकॉर्ड, खासकर कोर्ट केस या वाहन की लोन वसूली में दखल की स्थिति में, अप्रत्यक्ष रूप से क्रेडिट स्कोर को प्रभावित कर सकते हैं, खासकर यदि गाड़ी किसी लोन पर खरीदी गई हो।
एक और परिस्थिति में चालान क्रेडिट स्कोर को प्रभावित कर सकता है, जब चालान से जुड़ा फाइन या शुल्क आपकी किसी क्रेडिट कार्ड या बैंक अकाउंट से ऑटो-डेबिट मोड में जुड़ा हो और आपने उसे भुगतान नहीं किया हो। उदाहरण के लिए, आपने किसी ऐप से चालान भरा और पेमेंट फेल हो गया लेकिन बैंक ने ट्रांजेक्शन रिकॉर्ड कर लिया – ऐसी स्थिति में यह आपके कार्ड की भुगतान समयसीमा को प्रभावित कर सकती है। हालांकि ये केस बेहद दुर्लभ होते हैं और आम नागरिकों के लिए चिंता की बात नहीं होती।
अब एक नई बात यह भी सामने आ रही है कि इंश्योरेंस कंपनियां और फाइनेंसिंग एजेंसियां अब वाहन से जुड़े चालान रिकॉर्ड को भी देख रही हैं। विशेष रूप से जब आप गाड़ी का इंश्योरेंस रिन्यू करवाते हैं या नया व्हीकल लोन लेते हैं, तब कुछ एजेंसियां यह जांचती हैं कि वाहन पर चालान लंबित तो नहीं है। यह फील्ड मुख्य रूप से बीमा प्रीमियम और जोखिम मूल्यांकन (risk assessment) के लिए देखा जाता है। हालांकि अभी तक यह क्रेडिट स्कोर का आधिकारिक हिस्सा नहीं बना है, लेकिन आगामी वर्षों में ट्रैफिक व्यवहार भी फाइनेंशियल प्रोफाइल का हिस्सा बन सकता है।
एक और बात ध्यान देने लायक है कि जो लोग बार-बार गंभीर नियमों का उल्लंघन करते हैं, जैसे कि Drunk Driving, Rash Driving, Signal Jumping आदि, और जिनके नाम पर कई चालान लंबित हैं, उनका वाहन सीज़ या ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित किया जा सकता है। अगर ऐसे लोगों ने वाहन लोन लिया है और गाड़ी सीज़ हो जाती है, तो बैंक लोन की वसूली करने लगता है। अगर व्यक्ति भुगतान नहीं करता, तो उसका क्रेडिट स्कोर गिर सकता है।
तो कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि –
- सामान्य ट्रैफिक चालान (जैसे हेलमेट न पहनना, सीट बेल्ट न लगाना) से क्रेडिट स्कोर पर सीधा कोई असर नहीं पड़ता।
- यदि चालान से जुड़ा कोई बड़ा कोर्ट केस, वाहन जब्ती या ऋण वसूली का मामला बनता है, तब अप्रत्यक्ष असर पड़ सकता है।
- अगर चालान का भुगतान किसी क्रेडिट कार्ड या बैंक अकाउंट से जुड़ा है और उसमें डिफॉल्ट हुआ, तो भुगतान व्यवहार के माध्यम से प्रभाव पड़ सकता है।
- भविष्य में इंश्योरेंस कंपनियां चालान इतिहास के आधार पर प्रीमियम तय कर सकती हैं, जिससे आपकी फाइनेंशियल स्थिति प्रभावित हो सकती है।
आम नागरिक के लिए सबसे अच्छा तरीका यह है कि अगर कभी चालान कटे, तो उसे समय पर भरें और उसकी रसीद सेव रखें। यदि आपको गाड़ी लोन पर मिली है, तो चालान न भरने से बैंक को परेशानी हो सकती है, जो अप्रत्यक्ष रूप से क्रेडिट रिकॉर्ड को प्रभावित कर सकता है। साथ ही, जब भी आप नया वाहन खरीदने जाएं या इंश्योरेंस रिन्यू करवाएं, तो अपने वाहन की चालान स्थिति जरूर चेक करें।
निष्कर्ष के रूप में, यह स्पष्ट है कि चालान का सीधा संबंध क्रेडिट स्कोर से नहीं होता, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में अप्रत्यक्ष प्रभाव संभव है। आज भले ही क्रेडिट स्कोर केवल आपकी ऋण चुकाने की क्षमता को मापता हो, लेकिन भविष्य में ट्रैफिक व्यवहार, चालान हिस्ट्री और नागरिक दायित्व जैसे पहलू भी इस स्कोर का हिस्सा बन सकते हैं। इसलिए सावधानी ही सुरक्षा है – ट्रैफिक नियमों का पालन करें, चालान समय पर भरें और वित्तीय अनुशासन बनाए रखें।